अपहरण -लूट के बाद 2 साल तक कराया बंधुआ मज़दूरी : पुलिस ने भिखारी समझ कर पानी पिलाया तो थैंक्स सर कहा ,पूछताछ मे आपबीती घटना सुनाई
स्टेशन पर गंदे फटे-पुराने कपड़े, बाल-दाढ़ी बढ़ी हुए किसी भी व्यक्ति को देखकर कोई भी समझेगा कि मानसिक बीमार या पागल है, लेकिन आरपीएफ के एक अफसर की समझदारी से दो साल बाद अपहरण और लूट के बाद लापता हुए युवक को उसके घर पहुंचा दिया। बस युवक ने अफसर के पानी पिलाने के बाद अंग्रेजी कहा था थैंक्यू सर…। बस फिर क्या अफसर का माथा ठनका और जांच-पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ और दो साल से लापता व्यक्ति को रविवार को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया।
कानपुर आरपीएफ स्टेशन पर तैनात दरोगा असलम खान, आरती कुमारी और एएसआई हरिशंकर त्रिपाठी स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। एरिया का गस्त कर रहे थे। गस्त के दौरान कैंट साइड सर्कुलेटिंग एरिया में गेट नंबर-2 के पास एक व्यक्ति जिसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और फटे पुराने कपड़े पहने हुए था। देखने में भिखारी जैसा लग रहा था। तपती दोपहरिया में युवक का गला सूख गया था और उसने दरोगा असलम खान से पानी मंगाकर पिया। पानी पीने के बाद युवक ने कहा कि थैंक्यू सर…। इस पर असलम का माथा ठनक गया और पूछताछ करने पर युवक ने बताया कि वह 2 साल पहले दिनांक 26 जून 2022 को रविवार के दिन अपने घर से एटीएम से पैसे निकालने के लिए निकला था और विधूना गया था। सभी एटीएम बंद थे, इस वजह से वह अपने दोस्त महेंद्र की बैंक शाखा से आधार के जरिए कैश निकाला।
घर लौटते वक्त 8 किलोमीटर की दूरी पर वह जब हरिचंदापुर में था और घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था, इस दौरान एक चार पहिया वाहन उसके सामने आकर रुका। एक व्यक्ति ने उसे पीछे से उसके गले से जकड़कर उसके मुंह पर रूमाल रख दिया था, जिससे वह बेहोश हो गया था। इसके बाद जब उसे होश आया तो वह एक बाथरूम में था और वहां काफी अंधेरा था। वहां पर दो व्यक्ति थे जिन्होंने उससे उसका एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन ले लिया था। एटीएम का पिन कोड पूछने के बाद उसे बंधक बनाकर कोठरीनुमा कमरे में रखा था। काफी मारते पीटते और नशीला इंजेक्शन देते थे। इससे उसका शरीर पूरी तरह सुस्त पड़ गया था।
कुछ दिनों बाद वे उसे गाड़ी से कंस्ट्रक्शन साइट पर अन्य व्यक्तियों के साथ ले जाते थे और सभी से लेबर का काम करवाते थे और शाम को वापस लाकर वहीं पर छोड़ देते थे। वहां की भाषा भी उसे समझ में नहीं आती थी, शायद वह साउथ इंडिया में किसी जगह पर था। किसी तरह वह कुछ दिन पहले वहां से छिप छिपा कर भाग निकला और कई दिनों तक पैदल चलने के बाद वह एक छोटे से स्टेशन पर पहुंचा था और वहां से कई गाड़िया बदल बदल कर दरभंगा पहुंचा और वहां से आज ही कानपुर आया हूं। इसके बाद आरपीएफ के अफसरों ने उसके परिवार से संपर्क किया तो पूरी कहानी सच निकली और उसके परिवार के हवाले कर दिया।
युवक ने अपनी पहचान ग्राम सामायन, थाना विधूना, जिला औरैया यूपी निवासी 29 साल के महावीर सिंह के रूप में बताया। युवक के बताए गए मोबाइल नंबर पर चचेरे भाई रवीन्द्र सिंह से संपर्क किया। पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन बाद में व्हाट्सएप पर फोटो और वीडियो कॉलिंग पर देखने के बाद आनन-फानन में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। परिवार के लोगों ने बताया कि वह महावीर के वापस लौटने की उम्मीद खो चुके थे। दो साल से महावीर की तलाश में दर-दर भटकने के बाद शांत बैठ गए थे। उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि उनका बेटा अब लौटकर वापस भी आएगा।